लिथियम पर खत्म होगी चीन और ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत! भारत में मिला खजाना
Lithium Reserves In India
नई दिल्ली। Lithium Reserves In India: देश में विभिन्न मूल्यवान धातुओं के भंडार खोजने के लिए लगातार प्रयासरत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण(Geological Survey of India) (जीएसआई) को बड़ी सफलता मिली है। जीएसआई ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लीथियम के भंडार(lithium reserves) का पता लगाया है। यह देश में मिला लीथियम का पहला भंडार है।
बैटरियों की बढ़ती जरूरत और उनमें लीथियम के प्रयोग को देखते हुए यह भंडार रणनीतिक रूप से देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है। अभी जो भंडार मिला है, वहां 59 लाख टन लीथियम होने का अनुमान है। सेंट्रल जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड(Central Geological Programming Board) (सीजीपीबी) की 62वीं मीटिंग में खान सचिव विवेक भारद्वाज ने बताया, 'देश में पहली बार लीथियम का भंडार मिला है, वह भी जम्मू-कश्मीर में। बात चाहे मोबाइल फोन की हो या सोलर पैनल की, कुछ अहम खनिजों की आवश्यकता सदैव रहती है।'
टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए सरकार महत्वपूर्ण धातुओं की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने की दिशा में सतत प्रयास कर रही है। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया एवं अर्जेंटीना में भी खदानें ली जा रही हैं। अभी लीथियम, निकेल और कोबाल्ट जैसे कई अहम खनिजों के लिए भारत आयात पर निर्भर है।
आयात पर निर्भरता कम करने के लिए आवश्यक है कि देश में महत्वपूर्ण खनिजों के भंडार खोजे जाएं और उनकी प्रोसेसिंग हो। उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोने का आयात कम करने की जरूरत का भी उल्लेख किया। जीएसआई को जम्मू-कश्मीर में सोने के डिपोजिट भी मिले हैं। सीजीपीबी की बैठक में जीएसआई ने 11 राज्यों में विभिन्न खनिजों के भंडार मिलने की जानकारी संबंधित राज्यों को दी है।
इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं। इसलिए महत्वपूर्ण है लीथियमटेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में शायद ही कोई होगा जिसने लीथियम आयन बैटरी का नाम न सुना हो। बैटरी से संचालित लगभग हर उपकरण में इन्हीं बैटरियों का प्रयोग होता है और इस बैटरी का मूल घटक लीथियम ही है।
लीथियम आयन बैटरियों की क्षमता ज्यादा होती है और अन्य रासायनिक क्रियाओं पर आधारित बैटरियों की तुलना में इनकी उम्र भी लंबी होती है। लीथियम आयन बैटरियों के दम पर ही इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज बढ़ाने में मदद मिली है और एक ही चार्ज में 500 से 700 किलोमीटर तक चलने वाली कारें बन पा रही हैं। लीथियम आयन बैटरियों से ही एक चार्ज पर कई दिन चलते रहने वाले मोबाइल फोन बन पाए हैं। अभी भारत अपनी जरूरत के लिए लीथियम आयन बैटरियां आयात करता है।
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